
आगरा। क्यूएस के दक्षिण एशियाई देशों की रैंकिंग में सुधार और क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में स्थान बनाने के लिए गोवा में क्यूएस इंडिया समिट का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय समिट में माननीय कुलाधिपति आनंदीबन पटेल के नेतृत्व में प्रदेश के 13 राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रो. आशु रानी ने भी इसमें शामिल होकर शैक्षिक रैंकिंग में सुधार के लिए अपने बहुपयोगी सुझाव दिए। कुलपति ने बताया कि इस समिट में 35 देशों के 135 विश्वविद्यालयों के 500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इसके पहले दिन क्यूएस रैंकिंग में स्थान बनाने के लिए किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है, इस पर बिंदुवार जानकारी दी गई। शोध, पेटेंट और मानव संसाधन की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया गया। क्यूएस विश्व रैंकिंग के टॉप संस्थान में शामिल होने के लक्ष्य के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया। समिट में मिले सुझावों के आधार पर रणनीति बनाकर विश्वविद्यालय इसी दिशा में सकारात्मकता के साथ काम करेगा। इस समिट का मुख्य उद्देश्य रैंकिंग, नेटवर्किंग, समाझौता ज्ञापन (एमओयू) करना, अध्यापकों व छात्रों का एक्सचेंज प्रोग्राम, इंटरनेशनल कोलैबोरेशन करना, अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर शोध व शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करना है और विदेश के विश्वविलायों के साथ अनुबंध भी किये जायेंगे जो बहुत महत्वपूर्ण कदम है। जिसके चलते विदेशी छात्र भी भारत के विश्वविद्यालयों में आकर शिक्षा प्राप्त करेंगे और स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम चलेंगे.साथ ही विदेश में नौकरी प्राप्त करने के लिए विदेशी कम्पनीज से भी अनुबंध किया जायेगा। कार्यक्रम के अलग-अलग सत्र में एआईसीटीसी के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीतारमण और प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे मौजूद रहे। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग के प्रतिनिधि, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूके, जर्मनी, इजरायल, फ्रांस, मलेशिया, ओमान, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स, नीदरलैंड्स विश्वविद्यालय के प्रेसिंडेंट, वाइट प्रेसिडेंट, प्रतिनिधि मौजूद रहे। माननीय राज्यपाल महोदया ने विदेश से पधारे शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों को देश और उप्र के राज्य विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। मेंटर-मेंटी की प्रथा शुरु करने के लिए एक मॉडल पउनके समक्ष प्रस्तुत किया। केजी से पीडी कॉन्सेप्ट की चर्चा की। सामाजिक सरोकार के कार्य किस तरह किए जाने चाहिए, उनका भी विस्तारपूर्वक वर्णन किया। गरीब परिवारों की स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रही बेटियों के लिए सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण, टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लेने और आंगनबाड़ी में खेलकूद व शिक्षा सामग्री प्रदान करने के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। कार्यक्रम में उप्र के राज्य विश्वविद्यालयों व अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ माननीय राज्यपाल महोदया की उपस्थिति में नौ समझौता ज्ञापन किए गए। अन्य विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन करने के लिए प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण ने बैठक आयोजित कर विचार विमर्श किया।