
आगरा। पैसों की जरूरत होने पर दो युवकों ने यूट्यूब से नोट छापने का तरीका सीखा। स्कैनर से असली नोट के स्कैन करके, इसके बाद फोटोशॉप सॉफ्टवेयर से सीरियर नंबर मिटा देते थे। दूसरे सॉफ्टवेयर की मदद से नया सीरियल नंबर डाला। वॉटर मार्क तक लगाए। थाना एत्मादपुर पुलिस ने दो अभियुक्तों को 7 हजार रुपए के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है। थाना एत्मादपुर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि नकली नोट छापने वाले दो अभियुक्त नगला लाले गांव से जा रहे हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने नगला लाले गांव से तेजेंद्र और सुभाष को गिरफ्तार किया। दोनों के पास से 7 हजार रुपए के नकली नोट, दो मोबाइल, लैपटॉप, कार्ड रीडर, प्रिंटर, स्कैनर, हीड एंबोजिंग मशीन, वॉटर मार्क फ्रेम सेटअप, कैमिकल की बोतलें, डवलपिंग ट्रे, हाइड्रोजन की दो बोतल, कलर के डिब्बे, कांपीयर पेपर, 80 स्टांप पेपर आदि मिले।
पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे सुभाष के घर पर नकली नोट छापते थे। असली नोट को स्कैन करते थे। फोटोशॉप सॉफ्टवेयर से सीरियल नंबर हटा देते थे। कोलरड्रॉ ग्राफिक सॉफ्टवेयर की मदद से अलग-अलग सीरियल नंबर बनाकर प्रिंटर की मदद से 10 रुपए के स्टांप पेपर पर प्रिंट कर देते थे। कोरलड्रा से ही महात्मा गांधी वॉटर मार्क इमेज तैयार करके ट्रेसिंग पेपर पर प्रिंट आउट निकालते थे। फिर ट्रेसिंग 5 स्टार फिल्म के माध्यम से वॉटर मार्क का फिल्म सेटअप तैयार करके नकली नोट पर वॉटर मार्क देते थे। हीट एंबोजिंग मशीन और ग्रीन कलर की फायल से नोट पर सिक्योरिटी थ्रेड देते थे। शीशा और पेपर कटर से नकली नोट की कटिंग करते थे। दोनों ने बताया नकली नोट तैयार करने के बाद वो ग्रामीण इलाकों में ही चलाते थे। घर का राशन आदि भी इन्हीं नोटों से खरीदते थे। फिरोजाबाद का बिट्ट उनसे 500 रुपए के नकली नोट लेकर गया था। पुलिस बिट्ट की तलाश कर रही है।