
मित्तल पिरवार को 550 लोग एक साथ जुड़े, 25-30 वर्ष बाद एक दूसरे को देख हुए हैरान, बचपन में देखा जिसे वह बन गई नानी
आगरा। वर्षों बाद एक साथ जब एक ही परिवार के 550 लोग जुड़े तो लगा मानो बारात आ गई। आय-पड़ोस वाले ही नहीं खुद परिवार के सदस्य भी एक दूसरे को देखकर हैरान थे। दिसे बचपन में देखा वह नानी बन गई। लम्बे घने बालों से भरा सिर अब गंजा नजर रही था। सात पीढ़ियों के 550 लोगों में पांच पीढ़ी के लोग मैजूद थे, जो पूना, अहमादाबाद, जयपुर, ग्वालियर, धौलपुर, बाड़ी, सूरत से पारीवारिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे। संकल्प मैरिज होम में योजित कार्यक्रम का कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान की आराधना व आरती कर सभी सदस्यों ने सामूहित रूप से किया। सभी सदस्यों के चंदन लगाकर माला पहनाई गई। कार्यक्रम में लोगों का आगमन शुरु हुआ एक दूसरे को देखकर हैरान मन में प्रसन्नता के साथ हैरानी भी थी। नई पीढ़ी के लोग जिन बुजुर्गों के नाम सुनते थे आज उन्हें देखा भी। स्व. गेंदालाल के तीन पुत्र किरोड़ी लाल, जगन्नाथ प्रसाद और राम स्वरूप बेशक आज इस दुनियां में नहीं हैं लेकिन अपनी पांच पीढ़ियों को क साथ हंसते खेलते देख अवश्य प्रसन्न हेंगे। राम स्वरूप के बेटे जगदीश मित्तल ने बताया कि लगभग 25 वर्ष बाद उनकी बुआ ग्यासू देवी पूना व शीला देवी अहमदाबाद से कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची। जिन रिश्तों को परिवार के लोग बिसरा चुके थे क बार मिलकर फिर खिल उठे। तीन वर्ष पहले इस पारीवारिक योजन करने का इंडिया जगदीश मित्तल के दिमाग में आया था। तीन माह से इसकी तैयारी करनी पड़ी। कार्यक्रम के लिए मैरिज होम और भोजन के लिए हलवाई लगवाया गया। जयपुर से ताऊ की बेटी और दामाद रेनू व राजकुमार जयपुर से पहुंचे। जगन्नाथ मित्तल के भांजे व आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मुकेश गोयल बी परिवार सहित कार्यक्रम में पहुंचे। परिवरा के सदस्यों ने बताया पारीवारिक विधटन व एकल परिवारों के दौर में इस तरह के कार्यक्रमों की बहुत वश्यकता है, जिससे नई पीढ़ी के लोग रिश्तों की हमीयद के साथ परिवार के सदस्यों को जान पहचान सकें। इस वसर पर क कुलग्रंथ किताब का भी विमोचन किया गया, जिसमें सभी 550 सदस्यों का फोटो, पता व नम्बर अंतिक है। जिससे लोगों के एक दूसरे से सम्पर्क करने में परेशानी न हो। सर्वप्रथम कार्यक्रम में पहुंचने वाले 10 परिवारों को पुरस्कत भी किया गया। परिवार के सदस्यों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए। इस अवसर पर मुख्य रूप से सुरेश चन्द, सुनहरी लाल, रमेश चन्द मित्तल, जगदीश मित्तल, ताराचंद मित्तल, प्रेमेंद्र मित्तल, राजेश मित्तल, प्रमोद मित्तल गौरव मित्तल आदि पस्थित थे।